- Posted by kaushikey
फ़रहर डेगर गर , चल चले के सरसर ।
मेला ददरी जायेके , गंगाजी नहायेके ,
मुंह हाथ धोई के पानी मे समाये के ,
देहि करी थरथर ,
... धोती करी फ़रफ़र , चल चले के सर सर ।
बैल जाई बेचे के , लीटी परी सेंके के ,
सातू खा के गप - गप , मुरई चबाये के ,
मुरई करी कर कर ,
लोर गिरी भर भर , चल चले के सर सर
मुंह ला के बानर के , लोग के डेरावे के ,
चरखी ले हाथ मे , ठाट से उड़ावे के ,
चरखी करे चर चर ,
धक्का देके दर दर , चल चले के सर सर ।
सरकस होई खेला , लागल रही मेला ,
टाटी फ़ार के घूसे के , चलत रही ढेला ,
ढेला गिरी भर भर ।
कही केहू धर धर , भाग चले के सर सर ।
via शिवकुमार सिंह कौशिकेय
फ़रहर डेगर गर , चल चले के सरसर ।
मेला ददरी जायेके , गंगाजी नहायेके ,
मुंह हाथ धोई के पानी मे समाये के ,
देहि करी थरथर ,
... धोती करी फ़रफ़र , चल चले के सर सर ।
बैल जाई बेचे के , लीटी परी सेंके के ,
सातू खा के गप - गप , मुरई चबाये के ,
मुरई करी कर कर ,
लोर गिरी भर भर , चल चले के सर सर
मुंह ला के बानर के , लोग के डेरावे के ,
चरखी ले हाथ मे , ठाट से उड़ावे के ,
चरखी करे चर चर ,
धक्का देके दर दर , चल चले के सर सर ।
सरकस होई खेला , लागल रही मेला ,
टाटी फ़ार के घूसे के , चलत रही ढेला ,
ढेला गिरी भर भर ।
कही केहू धर धर , भाग चले के सर सर ।
via शिवकुमार सिंह कौशिकेय
ददरी मेले के भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस हलकान !
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